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ऐ नारी तू टूटती रही

 ऐ नारी तू लुटती रही, छोटे छोटे कदमो में जब पायल बंधी, तेरे ख्वाबो की सांसे घुटने लगी। कभी लाड में ,कभी प्यार में, कभी हर रिश्ते के एहसास में ऐ नारी तू लुटती रही। तू पीछे थी अव्वल आकर भी, क्योंकि आगे रिवाज़ों की कतार थी, तू पीछे थी ,दिल से रिश्ता निभाकर भी क्योंकि तेरे जज़्बातों की बोली बेकार थी। हिम्मत सबकी बनकर भी तू टूटती रही ऐ नारी तू लुटती रही। थक हार कर जब पापा आते काम से, पानी का ग्लास तेरी उंगलियां थामती। माँ जब अलसाती कभी , तू चौका भी सम्भालती। कभी छुपा कर ,कभी रो कर  अब लोगो की नज़रों को तू पहचानने लगी। कभी ताड़ती नज़र ,कभी हवस की नज़र अब अपने ही अंगों को तू सिमटने लगी। बिन गलती के अब झेंपती रही। ऐ नारी तू लुटती रही। अब यौवन था,बड़ा सुहाना सा सारि कायनात जैसे खिलने लगी, हर मौसम में रंग जैसे  तुझे बारिश हवा सब भाने लगी। कभी खुद को निहारती सी नजर ,आयने से शर्माने लगी कभी किसी की उठती नजर तुझे प्यारी सी लगने लगी। दिल के हाथों तू बिकने लगी ऐ नारी तू लुटती रही। कुछ ख्वाब तेरी आंखों में चमकने लगे। कुछ ख्वाहिशें उसकी सर उठाने लगी। एक जरा सी छुअन से सिहर कर तू। खुद को उसमे खोने लगी। तेरा अं

मैं टूटती सी

 मैं टूटती सी ,तार तार जुड़ रही थी,अपने ही खयालो के मोह से बाहर निकल रही थी ,कभी जब सब अच्छा सा लग रहा था मुझे तो मैं टूट कर भी खुद को पूरा समझ रही थी।कभी अधूरा पन लगता तो कभी मैं पूरी हो जाती।कभी सब मेरे हक में होता तो कभी बिल्कुल अकेले खड़ी होती ।हाँ सब मेरे अपने थे आस पास मेरे फिर भी न जाने क्यों वीरनेपन से डर रही थी।मेरा हर डर मेरी अपनी वजह से था शायद ,या मेरे अपने उसकी वजह थे, कभी खुद को तो कभी अपनो को खोने का डर अब मुझे सताने लगा था ,एक तरफ मेरी जिंदगी झूझ रही थी और दूसरी तरफ मेरी आस हर दिन पंख लगाए एक नई उड़ान उड़ रही थी।हाँ कभी कभी दुनिया की सबसे खुश नसीब बनावट थी मैं ,और कभी बदनसीबी मेरी चौखट लांघ रही थी,।मेरी समझ अब दम तोड़ रही थी क्योंकि मैं अब तार तार जुड़ते भी मैं गिरह सी टूट रही थी।मेरी खुशियां मेरे दामन में ही तो थी ,बस कभी मैं उनको समेट लेती और कभी वो रेत की तरह फिसल जाती।कभी मैं जी लेती हर लम्हा हंस कर और कभी अपनी ही मुस्कान की कातिल बन जाती।वो मेरा ,मैं उसकी,तू मेरा ,मैं तेरी,सब मेरे ,मैं सबकी हाँ बस यही सब तो चल रहा था सालों से जिंदगी में,आज एक तूफान से अचानक एक नया पन्ना