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जानम चलो एक काम करते हैं

 जानम चलो एक काम करते है। इस मोहब्बत को अब नीलाम करते हैं ना तुम रहो मेरे प्यार की बंदिशों में  ना मैं खुद को कैद रखूं तुम्हारे खयालों में। चलो उन देखे ख्वाबों को भी आज़ाद करते हैं जानम चलो एक काम करते हैं बस हुआ बस अब बहुत, शायद यही अंजाम बाकी था तुम मेरे होकर भी मेरे नही और मैं चाह कर दूर बहुत चलो अब इन दूरियों ही मुक्कदर में शामिल करते है जानम चलो एक काम करते हैं इस मोहब्बत को अब नीलम करते हैं। ना तुम ख्वाब देखो अब मेरे कभी  ना मैं नज़दीकियों को महसूस करूँ  ना तुम और मैं हम बने अब ना जिंदगी भर दीदार करूँ कभी चलो अब अगले जन्म का इनतेजार करते हैं जानम चलो एक काम करते हैं। क्यों बाँधूँ तुम्हे अपने प्यार के दामन में यू क्यों रंगू तुम्हे इस पागलपन में यू। ये मेरी चाहते हैं मुझ तक ही रहने दो क्यों समेटु तुम्हे अपने खयालों के जाल में यूं चलो अब इन बंदिशों को नाकाम करते है। जानम चलो एक काम करते हैं। इस मोहब्बत को अब विराम करते है  बेवफा तो नही हो तुम ये मेरा दिल जानता है। फिर भी वफ़ा के लिए बेकरार हूँ मैं साथ होकर भी मेरे साथ नही होते  शायद इसीलिए थोड़ा परेशान हूँ मैं। चलो अब इस "प्रीति&qu

आंसू बनकर आये

 रात तुम आंसू बनकर आये । जब याद तुम्हारी सता रही थी हर पल मुझे रुला रही थी। तुम पास होकर भी नजर नही आये रात तुम आंसू बन कर आये। जरा बताओ ,ये आदत जो बन गए हो, मैने मांगा था,या खुद चले आये हो, कल जहा तुम खड़े थे मेरे लिए आज वहां मेरे अक्स नजर आए रात तुम आँसू बनकर आये। मेरी तो ना बातों में थे तुम,न किसी चाहत मे शामिल थे तुमने जबरन मुझे अपनी यादों में जकड़ा था। आज मेरी हर धड़कन जब तुमसे धड़कती है तो अचानक क्यों बदलते नजर आए रात तुम आंसू बनकर आये। मैं तो मशरूक थी अपनी ही एक दुनिया मे तुम अजनबी थे मैं अजनबी थी। एक दिन यू आहट की दिल मे तुमने और मेरी जिंदगी की एक प्यारी वजह बन गए रात तुम आंसू बन कर आये। जरा एक बात बता दो, मैं जरूरत हूँ या जरूरी हूँ तुम्हारे लिए। जरा मुझे यकीन दिला दो। की चाहत हूँ या मोहब्वत हूँ तुम्हारे लिए। ताकि मुझे हर अक्स साफ नजर आए। रात तुम आंसू बनकर आये। ये इनतजार  न कल ग़वारा था ना आज मंजूर है, ये तड़प न काल गंवारा थी न आज मंजूर है। अब साफ बता दो ,तुम आओगे या मैं आदत बदल दूं अपनी ताकि न मैं तड़पु तेरे लिए और ना तू मजबूर नजर आए। रात तुम आंसू बनकर आये। "प्रीति" मेरी क्

याद है ?

 याद है? जब तुम तुम थे ,और मैं बस मैं थी फिर तुम मैं हुए ,और मैं तुम होने लगी। अब तुम मुझे जानने लगे और मैं तुम्हे, अब तू मुझे हंसाने लगे और मैं तुम्हे हंसाने लगी। याद है? दूरियां कितनी थी दरमियां हमारे  फिर तुम बुलाने लगे ,और मैं करीब जाने लगी। अब अच्छी मीठी,प्यारी बस यही बाते थी हमारी, तुम मेरी आदतें बदल रहे थे ,और मैं तुम्हारी दुनिया बदलने लगी याद है? कितनी बार तुम मुझे जीने का सहारा बोल दिया करते थे मैं कितनी खास हूँ,ये बताया करते थे। अब मेरी दुनिया भी कहाँ रह गयी थी पहले जैसी सब कुछ बदल गया था ,और मैं भी बदलने लगी। याद है? तुम अब मेरी आँखों से खुद को देखने लगे थे और मैं तुम्हारी आँखो से ये दुनिया देख रही थी बस तुम,मैं और मैं तुम। ये कहानी ऐसे ही चलने लगी। याद है? मैं और खूबसूरत होने लगी थी तुम्हारी हर बात में और तुम ,तुम तो दुनिया मे अलग से थे मेरे लिए। मैं तुम्हारा पुराना दबा सपना सी,अब पूरा हो रही थी। और तुम्हारी ज़िन्दगी अब मेरी होने लगी। याद है?  कितने खुश और खुशनसीब से थे हम तब जब तुम मुझमे और मैं तुम में पूरी होने लगी अब दिन बदलने लगे थे तो हम क्यों नही, बाते खोने लगी,पुरानी