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पापा नही पापा जैसे

जब कोई अपना हमे हमेशा के लिए छोड़ जाता है। बहुत बाते अनकही रह जाती हैं। तो हम तड़पते हैं उस एक पल की चाहत में  की काश फिर से हमे एक मौका मिले  ओर हम वो लम्हे फिर से जी ले जो जी नही सके  काश हम माफी मांगे उन गलतियों की जिनका हमे एहसास है फिर हम उस शक्श को हर चेहरे में तलाशते हैं। मैने भी तलाशा उन्हें हर चेहरे में ,जो मेरे दिल के बहुत करीब थे  हां दुनिया बड़ी है ,बहुत लोग मिले मुझे ,उस चेहरे से मेल खाते  एक पल को लगा मैने देख लिया उनको फिर से एक बार दिल धक्क से रह गया ।मैं हर नक्श को ढूंढने लगी उनके क्या हंसी मेल खाती थी ,नही बिल्कुल नही क्या उनकी आंखें वैसी थी ,नही वो भी नही  क्या उनकी हंसी वैसी थी ,नही वो भी नही  तो क्यों लगे मुझे वो उनके जैसे । मैं उनकी हर आदत में उनको तलाश रही थी  वो नही दिखे मुझे । दुख हुआ जब उनको किसी ओर के साथ हस्ते बोलते देखा। दुख हुआ जब वो मुझे उनके जैसा दिख कर अपने नही लगे  वो अलग लोगो के साथ थे तो दिल दुखा  वो मेरे नही थे इसलिए दिल दुखा दिल किया मैं दौड़ कर जाऊं ,और लिपट जाऊं बोलूं क्या वही हो,क्या लौट आये हो। चलो म...