संदेश

सितंबर, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Sab kuch badal jata hai

 बहुत कुछ बदल जाता है धीरे धीरे रिश्तो में  सबसे पहले हमारा बात करने का तरीका  फिर हमारी बातें बदल जाती है.  अब वो जूनून नहीं दीखता  एक message  का एक call  का  वो होती तो हैं, हर निर्धारित समय पर  मगर जैसे बस कोई उत्तारदायित्व  निभाना हो  रातो को जागने वाली तड़प एक बोझ बनने लगती है  ज़रा सी बात पर परेशान होना अब रोज के natak लगने लगते है  अब परवाह बस कभी कभी shabdon में सुनाई देती है  अब प्यार बस बंद कमरे में dikhne लगता है.  बात करने कि अवधि घटने लगती है  प्राथमिकताएं  बदलने लगती हैं  जिसे पाने के लिए दुनिया भर को एक तरफ रखते हैं  उसे पाकर दुनिया याद आती है और उसको भूलने लगते हैं  क्युकी वो तो मिल गया, अपना है, कहां जायगा  और धीरे धीरे खोने का डर  भी खत्म होने लगता hai.  पहले जो aadate उसका दीवाना बनाती थी  अब वही आदतें कमी में गिनी जाने लगती हैं  पहले जो सुबह शाम, दिन रात एक हेलो कि तड़प में गुजर जाता था.  अब वो शब्द बस औपचारिकता बन जाते हैं  पहले जिसे प...

Kya yhi hai pyar

 एक दिन बस ऐसे ही दिल में सवाल आया कि आखिर , प्यार क्या होता है ,  और मुझे क्यों जानना था कि प्यार क्या है  क्यूंकि मेरे मन में बहुत सारे सवाल थे इस प्यार को लेकर  मैं  खुद से ही पूछना चाहती थी कि प्यार क्या है  असल में प्यार कि दो परिभाषा hain प्यार वो जो आपको सुकून दे  प्यार वो जो आपसे आपका सुकून छीन ले  प्यार वो जो आपको खुशियां दे,  चैन कि neend सुलाए  प्यार वो जो आपकी सारी  खुशियां छीन ले और  रात रात भर सोने न दे  प्यार वो जो आपको दिन में भी haseen सपने दिखाए  और प्यार वो जो आपको रात भर सपनो में भी डराए  प्यार वो जो आपके लिए दुनिया भर कि चीज़े बड़ी खूबसूरत बना दे  प्यार वो जो आपका मन अपने चहेतो से भी हटा दे  प्यार वो जो आपको दुनिया से वैरागी बना दे और  प्यार वो जो आपको भक्ति के रास में डूबा दे  प्यार वो जो आपको jeena seekha दे  प्यार वो जो आपको जीते जी मौत के दर्शन करा दे  प्यार वो जो पूरी दुनिआ से आपको मिला दे  और प्यार वो जो आपको अपनों से भी हटा दे  प्यार वो जो आपको न्य...