Stretch marks

स्ट्रेच मार्क्स आधुनिक माँओ की सबसे बड़ी समस्या।मगर क्या वाकई ये समस्या है।मेरे बहुत से पाठकों ने बोला कि मैं अधिकतर तुनात्मक शैली में लिखती हूँ ,हाँ सच है ,तो चलो फिर से एक तुलना कर दूं कि ये स्ट्रेच मार्क्स समस्या हैं या खुश होने की एक वजह।जी हां बस एक सोच का ही तो फर्क है।।हर चीज़ के 2 पहलू होते हैं तो इसके क्यों नही।
मैं भी एक माँ हूँ, जब पता लगा कि एक नन्ही सी जान जिंदगी में आने वाली है तो बहुत सी सलाह मिली,किसी ने कहा शुरू से ही पेट पर एलोवेरा जेल लगाना,किसी ने नारियल तेल लगाने की सलाह दी ,खैर मुझे उस वक्त इतनी जरूरत महसूस नही हुई।उस वक्त मैं भी नही चाहती थी कि मेरे सुंदर सुडौल पेट पर किसी भी तरह के निशान दिखें।देखते ही देखते वक्त गुजर गया और मेरा नन्हा वेदान्त मेरी गोद मे आगया।मेरा शरीर ढीला पड़ गया।इतने महीनों से जहां मेरा वेदान्त अपनी दुनिया बसाये था अब वो घर खाली हो गया ।लटकी हुई स्किन,ढीला झुर्रियों से भरा पेट जिस पर बहुत से निशान जिसे स्ट्रेच मार्क्स कहा जाता है।देख कर मेरे चेहरे के भाव भी बदल गए थे ,एक पल को लगा मैंने अपनी खूबसूरती खो दी है।मगर जब नन्हे वेदान्त पर नजर गयी तो चेहरा खिल उठा,वो नौ महीने आंखों में तैर गए।जब मेरे बच्चे के नन्हे पाव मेरे पेट पर चोट किया करते थे और मैं सिहर उठती थी।झठ से पेट को रगड़ देटी थी ,शायद उस रगड़ और मेरे बच्चे के हर दिन बढ़ने की पहचान थे ये स्ट्रेच मार्क्स।वेदान्त हष्ट पुष्ठ बढ़ रहा है जिसके कारण पेट मे खिंचाव और उस पे चलती मेरी उंगलियो का नतीजा ये स्ट्रेच मार्क्स थे।मैं जब भी अपने ये नक्स देखती हूं मुझे एक सुखद अनुभव होता है क्योंकि ये मेरे बच्चे की पहली कलाकारी है।फर्स्ट ड्राइंग। जिसे मैं कभी मिटाना नही चाहती।वो जितनी भी ड्राइंग करेगा वो कभी न कभी खत्म हो ही जायगी मगर ये ड्रॉइंग तब तक रहेगी जब तक मेरी सांसे रहेंगी।तो भला ये स्ट्रेच मार्क्स समस्या कैसे हुए।आधुनिकता के रंग में रंगती माताए कुछ दिलचस्प एहसासों से वंचित हो रही हैं।जरा महसूस करके देखो अपने पेट और खिंची उन लकीरो को जो तुम्हारे अपने बच्चे की वजह से हैं।
बस यही कहना चाहती हूं,महँगी क्रीम ,स्किन रिस्क,दिन रात की चिंता,ये सब किसलिए अपने बच्चे की दी निशानी को मिटाने के लिए।अब आप खुद तय करें कि आपको ये समस्या को मिटाना है या इस निशानी को जिंदगी भर सहज के रखना है ताकि जब भी नजर पड़े ये निशान आपको उस दौर की याद दिलाये उससफर की याद दिलाये जो नौ महीने का होता है ।जो हर लड़की के लिए एक खास एहसास होता है।।
धन्यवाद

टिप्पणियाँ

kuch reh to nahi gya

हाँ,बदल गयी हूँ मैं...

Kuch rah to nahi gaya

बस यही कमाया मैंने