सब बदल गया
हाँ बदल गया सब, मैं भी तो बदल गयी हूँ। अब बात बात पर पहले जैसा गुस्सा नही आता मुझे, हाँ आता तो है लेकिन अब सम्भलने लगा है। शायद दुनिया दारी की समझ होने लगी है। अब मैं भी हर चीज़ परखने लगी हूँ । हाँ बदल गया सब, मैं भी तो बदल गयी हूँ। तुमने अचानक कहा उस दिन," कि सब बदल गया"। और मैं इस शब्दो की गहराई में उतरी। बहुत कुछ उलट पलट कर देखा ,पहले जैसा तो कुछ भी नही। समय बदल गया,आस पास के लोग बदल गए, 13 साल हो गए आये यहां मुझे। क्या कुछ नही बदल गया, गयी थी मैं कुछ दिन पहले उसी सड़क पर, जहां से मैंने ये सफर शुरू किया था। तब सारी गालिया अनजान थी मुझसे, और आज मैं हर रास्ता जानती हूँ। शहर की जान वो राजपुर रोड,अब वो भी पहले जैसी नही रही, काफी व्यस्त कर लिया है उसने खुद को। वो लम्बा रास्ता जो हम पैदल तय किया करते थे वो कुछ सिमटा से लग रहा था।जैसे बहुत सी शिकायत सी कर रहा था। मैने हर चीज़ में तुम्हे महसूस किया वहां, तुम भी कही नजर नही आये। शायद तुम वहां थे ही नही,क्या तुम भी बदल गए हो? हाँ क्यों ना बदलो सालों पहले हमने अलग रास्ते जो चुने थे। तब से बिना रुके चले जा रहे है हम अब तो थकान सी होने ...