ऐ वक्त जरा थम जा
ऐं वक्त ज़रा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे
मेरे लाडले की अठखेलियों को आंखों में भरने दे मुझे।
आज छोटा है बाहों में समाया है,
थोड़ा लाड़ और लड़ाने दे मुझे।
कल मेरी गोद छोटी वो बड़ा होगा,
मेरा आंगन शोर के बिना सूना होगा।
ज़िंदगी नए खेल देगी उसे खेलने को,
आज थोड़ा उसके संग खेलने दे मुझे।
ऐं वक्त थोड़ा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे।
उसकी मासूम हरकते ज़रा दिल मे उतार लूँ।
उसकी सलोनी सी सूरत है ,जरा नज़र उतार लूँ।
नन्हे कदमो की आहट और सुन लेने दे मुझे।
ऐं वक्त थोड़ा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे।
मेरे लाडले की अठखेलियों को आंखों में भरने दे मुझे।
मेरे कंधे पर सर रख कर सो जाता है आज।
मेरी लोरी की धुन में गुनगुनाता है आज।
कल अपनी ही दुनिया मे खो जायगा।
मेरा ये एहसास अधूरा सा रह जायेगा।
उसे सोने दे बेफिक्र कुछ और दिन
सोते मासूम इशारों को तक लेने दे मुझे।
उसके चेहरे को और पढ़ लेने दे मुझे।
ऐं वक्त थोड़ा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे।
थोड़ी शैतानियां बढ़ने दे ,
थोड़ी गलतियां और करने दे।
मुझे तंग होना अब भाने लगा है।
ज़रा और ज़िद,और शिकायत करने दे उसे।
कल आंखों में ख़्वाहिशे छुपाने लगेगा।
बड़े बड़े राज़ दिल मे दबाने लगेगा।
आज सारी शिकायत सुन लेने दे मुझे।
ऐं वक्त थोड़ा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे।
मेरे लाडले की अठखेलियों को आंखों में भरने दे मुझे।
थोड़ा गिरने दे ,थोड़ा सम्भलने दे।
रो रो कर मुझसे बात करने दे।
तुतलाने दे थोड़ा और उसको।
वेवजह रूठ जाए ,मुझे मनाने दे उसे।
कल दिल की बाते दिल मे छुपायगा।
खुद रोयेगा भी तो न बताएगा।
ख्वाहिशें जिम्मेदारियों के तले दबने लगेंगी
शायद तब वो मुझे कुछ ना कह पायेगा।
आज मांग लेने दे हर खिलौना उसे।
ऐं वक्त जरा थम जा,ज़रा और जीने दे मुझे।
मेरे लाडले की अठखेलियों को आंखों में भर लेने दे मुझे।
हर माँ को समर्पित
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण है