एन ओपन लेटर टू माय सन वेदान्त (बर्थडे स्पेशल 3)

 आज तुम्हारा 3 तीसरा जन्मदिन था ,हमने खूब धूम धाम से मनाया ।हालांकि इस बार तुम और सोहम ये दिन एक साथ नही मना पाए,पिछले 2 साल तुम्हारा और सोहम का जन्मदिन हमने साथ ही मनाया लेकिन इस बार इस कोरोना की वज़ह से ना हम वहां जा पाए न तुम्हारी बुआ यहां आ पाई।

ये साल बहुत अजीब रहा,सभी के लिए ,कोरोना की वजह से ऐतिहासिक बोल सकते हैं।मगर तुम्हे ये सब कहाँ याद रह पायगा ,तुम बहुत छोटे हो लेकिन हां इस कोरोना में तुम्हारे लिए तो फायदा ही हुआ,पापा के साथ खूब खेलने को जो मिला तुम्हे।

तुम्हारी प्यारी प्यारी शरारतों में हमे पता ही नही चला कि ये lockdown का लंबा टाइम कैसे निकल गया।जहां इस टाइम में सब घरो में बोर हो रहे थे ,हम तुम्हारे साथ तुम्हारा और अपना बचपन जी रहे थे। तुम अब बहुत शरारती हो गए हो,और ज़िद्दी भी।बाते तो इतनी बनाने लगे हो कि हर कोई हैरान हो जाता है।

और हां हैंडसम भी हो गए हो 😘। कभी कभी तो बड़ो जैसी बातें करते हो।कुछ शब्दों मे तुतलाते हो तुम ,लेकिन तुम्हारी वो तुतलाती अवाज जितना सुनो उतना प्यार आता है तुम पर।हाँ कभी कभी डर भी जाति हूँ कि ये आगे चलकर कोई परेशानी न हो। अब तुम हर चीज़ महसूस करने लगे हो,ठंडा, गर्म,खट्टा मीठा।हंसना ,रोना ,रूठना मनाना,नाराज होना।

अरे हाँ नाराज होने से याद आया आज कल बात बात पर मुह फुला लेते हो।अपनी छोटी सी नाक सिकोड़ कर ,गाल फुला कर ,होंठ बाहर निकाल कर,और दोनों हाथों को सीमेट कर बैठ जाते हो और फिर अपनी तोतली आवाज में कहते हो "लो अब मैं आपछे नालाज हो गया।" और फिर मेरी तरफ देखते हो कि मैं मनाऊँ तुम्हे।मुझे भी तो तुम्हे मनाने में जैसे संसार की सारी खुशी मिल जाती है।फिर तुम अपने प्यारे प्यारे दांत दिखा कर हंस देते हो। फिर प्यार से बोलते हो " आप मेलि माँ हो,मैं आपका बच्चा हूँ।? आप मेलि हो ? और मैं तुम्हे ज़ोर से बांहो में भर लेती हूँ।

तुम मुझे अपनी बराबर की दोस्त समझते हो ,ज़िद करते हो कि मैं खेलूं तुम्हारे साथ लेकिन पूरा टाइम खेलना मेरे लिए भी कहाँ मुमकिन हो पाता है।तुम जितने बढ़ रहे हो ,मुझसे उतना ही लगाव बढ़ता जा रहा है तुम्हारा,आज कल दादी दादा जी के पास कम जाते हो,हर वक्त तुम्हे तुम्हारे साथ मैं ही चाहिए,अच्छा भी लगता है और कभी कभी थोड़ा गुस्सा भी हो जाती हूँ तुम पर।

लेकिन जब हक से जबरदस्ती आकर मेरे पैर पकड़ लेते हो तो सारा गुस्सा छू मंतर हो जाता है।तुम समझदार भी बहुत हो गए हो शायद अपनी उम्र से ज्यादा।कोई बात तुम्हे ज्यादा देर समझानी ही नही पड़ती ,तुम हर बात समझते हो।काफी कुछ सीख भी गए हो।फ़ोन देखने की आदत अब कम कर दी है मैने तुम्हारी,tv देखते हो तो फ़ोन की आदत कम हुई।लेकिन  फ़ोन ने काफी कुछ सीखा दिया है तुम्हे।अगर मार्च में lockdown ना हुआ होता तो आज तुम स्कूल जा रहे होते।अप्रैल में तुम्हारा एडमिशन जो कराना था हमे।लेकिन अब घर पर ही काफी कुछ सीखते हो।सारे रंग तुम्हे याद हैं हिंदी अंग्रेजी दोनो भाषा मे तुम सीखो यही कोशिस रहती है मेरी।गिनती कहना ,ABCD  सब सीख गए हो ,बोल भी देते हो और पहचान भी लेते हो।हिंदी अंग्रेजी कविताएं ,रिश्ते नाते सब की समझ हो गयी है तुम्हे।youtube पर वीडियो देख कर अंग्रेजी के कितने वाक्य ऐसे बोलते हो कि हम सब हैरान हो जाते हैं।सरल शब्दों में कहूँ तो मैं संतुष्ट हूँ तुम्हारी इस growth को देख कर।

तुम्हारी आवाज में बहुत मिठास है वेदान्त ,जब तुम पापा बोलते हो ,माँ बोलते हो ,या किसी को भी आवाज देते हो तो लगता है कि बस सुनते रहो।गाना भी गुनगुनाने लगे हो लेकिन हाँ डांस में तुम्हारी रुचि दूर दूर तक नही दिखती। 

हर बात में पापा से अपना comparision करते हो।कुछ भी खाते हो तो बोलते हो " देखो अब मैं पापा से कितना बला हो गया,दिखाऊं?"  और फिर तन कर खड़े हो जाते हो।तुम बहुत प्यारे हो वेदान्त।तुम्हे देख कर अपना हर दर्द ,हर परेशानी ,हर थकान भूल जाती हूँ मैं।

और हां इस साल तुम्हारी माँ का एक सपना पूरा हुआ।अभी तुम्हारे जन्म दिन के 2 दिन बाद ही तो गए थे हम बिजनोर ।तुम्हे तो ये उदघाटन याद भी नही रहेगा ।खैर ये चीज़े समझने में तुम्हारे लिए अभी वक्त है।

तुम अब खुद से खाना भी खा लेते हो,और खुद से खेल भी लेते हो।बड़े जो हो रहे हो तुम ।और बात बात पर बोलते हो " अब मैं बला हो गया हूँ "।तुम्हारी बातें मन मोह लेती है।तुम्हे आंखों से ओझल करने का मन ही नही होता लेकिन फिर भी दिन में 3 घंटे तुमसे दूर रहती हूँ मैं।जॉब जॉइन जो कर ली मैंने।अब सब बोलते हैं कि मुझे तुमसे थोड़ी दूरी बना लेनी चाहिए ,कभी कभी मुझे भी लगता है कि अब समय आ गया है कि तुम मेरे बिना थोड़ा समय रहना सीखो क्योंकि अब काम के सिलसिले में मुझे कई बार बाहर जाना होगा।लेकिन कैसे,? मेरा दिल तुमसे दूर होने के नाम से ही डरने लगता है।हालांकि मुझे पता है दादा दादी के साथ बिल्कुल सुरक्षित हो तुम लेकिन फिर भी।शायद कुछ ज्यादा भावुक हूँ तुम्हे लेकर,और क्यों ना होऊं,तुमने मेरे जीवन मे जो रंग भरे हैं उन्हें कैसे नजरअंदाज करू, तुम्हारे बिना वो 5 साल कैसे थे शायद मैं कभी याद भी नही करना चाहती,तुमने जीवन मे आकर न केवल मुझे मान सम्मान दिलाया बल्कि मुझे एक नई पहचान नया जीवन दिया।सच कहूं तो पूरा कर दिया मुझे।

इस वार तुम्हारे जन्मदिन पर हर सजावट मैंने खुद की तुम्हारी दादी के मदद से।हालांकि बहुत थकान भरा दिन रहा लेकिन तुम्हारे चेहरे की हंसी देखकर,सब भूल गयी।अब तुम समझने लगे हो कि जन्मदिन मनाते हैं,केक काट ते हैं ,गुब्बारे फोड़ते हैं।जन्मदिन पर सुबह 5 बजे उठ गए थे तुम और मुझे बोलते रहे "आज मेला bday है,मेले फेंड आएंगे।हम केक करेंगे?" इतने प्यारे प्यारे सवाल।मेरे आफिस में भी हमने मिलकर तुम्हारा जन्मदिन मनाया फिर वहां से आने के बाद सारी तैयारी ,सारि सजावट की ,4 घंटे की सजावट के बाद हिम्मत जवाब दे गई ,लेकिन तुम्हारी वो आंखों की चमक और उसके बाद गिफ्ट में मिली कार से खेलने की खुशी मुझे थकने की इजाज़त ही कहाँ दे रही थी।मैं तो बस तुम्हे देख रही थी और बस तुम्हे देख रही थी।

मेरे शरारती वेदान्त ,तुम बस ऐसे ही खुश रहो ,मुस्कुराते रहो,सबसे प्यार करो ,सबका सम्मान करो।और बढ़ते रहो ,तुम्हे जीवन की सारी खुशियां मिले।

"तुम्हारी माँ"



टिप्पणियाँ

kuch reh to nahi gya

हाँ,बदल गयी हूँ मैं...

Kuch rah to nahi gaya

बस यही कमाया मैंने