मेरी कीमत
मुझे उम्मीद नही की मेरा काम सराहा जाए
मुझे उम्मीद है कि तुम फिर मुझे नीचा दिखा दोगे।
मुझे उम्मीद नही की मुझे बराबर में ले चलोगे
मुझे पता है तुम मुझे पीछे छोड़ दोगे ,
,मेरी मेहनत मेरा काम है
और मेरा काम मेरा अभिमान ,मुझे पता है
मेरे अभिमान को तुम ठेस पहुंचा दोगे।
मेरी शिक्षा,मेरा अनुभव
लोगो के सामने मेरा सम्मान
तुम कर न सकोगे
तुम पुरुष ,मैं स्त्री
मुझे बराबर कभी समझ न सकोगे
पुरुष प्रधान है ये देश मेरा
यहां हुनर नही ,स्त्री पुरुष होना मायने रखता है
पत्नी दो पैसे कमा ले ,बस वो भी आंख में चुभता है
तुम मेरा सम्मान करना भूल गए
फिर अपने लिए क्या चाहते हो
तीखे शब्द बोल कर
मेरे हदय को ठेस पहुचाते हो
परख नही होती हीरे की हर किसी को
तुम वही बदनसीब जोहरी हो।
पत्थर इकट्ठा करते रहना
ओर नग को खो देना,
ओह दुर्भाग्य
मेरा नही ,तुम्हारा
लक्ष्मी चाहते हो और लक्ष्मी ही ठुकराते हो।
काबिलियत कही भी कम नही तुमसे मेरी
ओर तुम मुझे कम आँक जाते हो।
मैं बोलती नही बराबर में
दिखाती नही रॉब अपना
इसका मतलब बिल्कुल नही की
कम हूँ मैं जमाने से
बस अपना कद नीचा नही करना चाहती
बातो का कद बढ़ाना नही चाहती
मैं क्या हूँ ,ये मैं जानू भली भांति
प्रीति ,छलक जाए जब
बात अपनो को हो
वर्ना अपना अपमान मैं कभी नही सहती।
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