एन ओपन लेटर टू माय सन वेदान्त( बर्थडे स्पेशल 2)

20 नवंबर 2019
आज तुम पूरे 2 साल के हो गए हो वेदान्त,और तुम्हारी शरारते 5 साल के बच्चे जितनी।तुम सबके लाडले हो,इस एक साल में तुम काफी बढ़ गए हो,स्वस्थ हो मगर अब लड्डू जैसे गोल नही रहे,शायद बढ़ती लंबाई और निकलते दांतो ने तुम्हारे वजन को घटा दिया है।मगर मैं अभी भी लड्डू ,शिवोम कह कर ही बुलाती हूँ तुम्हे।तुम्हारा रंग बहुत ज्यादा गोरा नही है,न ही नयन नक्श मेरे जैसे हैं।तुम्हारी दादी कहती है कि अब तुम एसे दिखते हो जैसे इस उम्र में तुम्हारे पापा दिखा करते थे।मतलब तुम मेरे जैसे न रूप में न रंग में।
गुस्सा तो जैसे तुम्हारी नाक पर रहता है ,जिद्दी भी हो गए हो,सबके लाड प्यार ने बिगाड़ दिया है तुम्हे।कभी कभी तो मैं चिंतित हो जाती हूँ कि तुम्हे वैसी परवरिश दे भी पाउंगी की नही जैसी हमे मिली।तुम्हे संस्कार दे पाउंगी या नही।तुम अभी से इतने जिद्दी हो।कभी कभी मैं भी गुस्सा करती हूँ तुम पर शायद पूरे दिन की थकान और तुम्हारा जिद्दीपन मुझे मजबूर कर देता है ,मगर प्यार से भी समझाती हूँ तुम्हे।
खैर इस एक साल में काफी कुछ हुआ जो शब्दो मे शायद न लिख पाऊं।इस साल तुमने बहुत से टूर भी किये जैसे सहारनपुर अपनी बुआ दादी यानी अपने पापा की बुआ के घर पहली बार गए।गाज़ियाबाद अपनी मौसी के घर पहली बार गए।तुम्हे तो याद भी नही रहेगा कि कैसे हम सब मिलकर व्रन्दावन ,भरतपुर गए ,कैसे तुमने कुछ दिन अपने हमउम्र भी बहन ध्रुवी और कुंज के साथ बिताए।और हां इस बार तुम्हारा और सोहम का जन्म दिन तुम्हारी बुआ के घर खुर्जा बुलंदशहर में मनाया ।तुम्हारे भाई सोहम,बुआ जी और फूफा जी का मन था कि इस बार तुम दोनों का जन्मदिन उनके घर पे मनाया जाए ।तुम्हारे दादू ,पापा मैं और तुम 20 की सुबह 4 बजे ही निकले खुर्जा के लिए।दिन में वहां पूजा रखी गयी शाम को केक काटा और फिर बाहर घूमने गए।खुर्जा में बड़े मंदिर नाम से जो मन्दिर है जहाँ तुम्हारी दादी ने तुम्हारे जन्म से पहले मन्नत मांगी थी ,मैं तुम्हे वहां भी लेकर गयी।सबकुछ बहुत अच्छा रहा तुमने सोहम के साथ खूब मस्ती की।इस बार मैंने तुम्हारे और सोहम के लिए एक गिफ्ट बनवाया ।जिसमे सुपर किड की स्टोरी है तुम्हारी नाम की मीनिंग है ,और मेरी तरफ से एक प्यारा सा संदेश है।जब बड़े हो जाओगे तब पढ़ना।तुम्हे बहुत पसंद आएगा।
अरे हां एक खास बात इस साल तुम्हारे भाई बहनों की गिनती में एक और बहन शामिल हुई।रानू मामा और बबली मामी के घर एक बेटी ने जन्म लिया यानी तुम्हारी बहन पंक्ति।उसका मुंडन समारोह में भी तुम गए थे।अभी कुछ दिन पहले ही।इस साल नानी के घर भी कुछ दिन रहने गए थे और सबका दिल मोह कर वापस लौटे।तुम्हारी बातो ने ,तुतलाती आवाज ने सबको मोह लिया था।इस बार का कृष्ण जन्माष्टमी भी नानी के घर पर मनाई।तुम्हारी बहन पंक्ति राधा बनी और तुम कान्हा।इस बार जब बिजनोर से तुम लौटे तो सबने नम आंखों से तुम्हे विदा किया।और सब तुमसे फ़ोन पर खूब बाते करते हैं।तुम बहुत बातूनी हो गए हो ।पूरा वाक्य एक साथ नही बोल पर मगर तोड़ तोड़ कर सारि बात कह देते हो।तुम बहुत ही शार्प माइंडेड हो,सारि बाते बहुत जल्दी सीख रहे हो।बॉडी पार्ट्स इंग्लिश हिंदी दोनो में सीख गए हो ।1 तो 10 की गिनती इंग्लिश हिंदी दोनो में सीख गए हो।और हां हर बात पर मेरी सिखाई लाइन मुझपे ही बोलते हो "नो मम्मा डोंट टच" नो मम्मा डोंट डू दिस! बड़े प्यारे लगते हो जब अपनी नाक सिकोड़ कर हस्ते हो।कोई मुझसे तेज आवाज में भी बात करे तुम बर्दास्त नही करते।
अरे हाँ ,दूध अभी भी दुश्मन है तुम्हारा।इस साल तुम अचानक बीमार हो गए,जब हॉस्पिटल में एडमिट किया तो मानो मेरी दुनिया रुक सी गयी थी मगर मैंने हिम्मत से काम लिया,लेकिन जो भी हो इस से मुझे एक नया आईडिया मिला।डॉक्टर ने तुम्हे दवाई पिलाने के लिए सिरिंज दी।तब दिमाग मे आया कि जब सिरिंज से दवाई बिना गिरे पिलाई जा सकती है तो दूध क्यों नही।और तब से अभी तक मैं तुम्हे सिरिंज से दूध पिलाती हूँ।तुम्हारे पोषण का हम सब बहुत ध्यान रखते हैं।तुम्हे हर चीज़ खिलाते है।
यही वजह है कि तुम स्वस्थ हो,
जैसे भी हो बड़े प्यारे हो तुम।बस ऐसे ही बढ़ते रहो,खुश रहो।बहुत सारा प्यार।
तुम्हारी "माँ"

टिप्पणियाँ

kuch reh to nahi gya

हाँ,बदल गयी हूँ मैं...

Kuch rah to nahi gaya

बस यही कमाया मैंने