ये प्यार नही है
तेरे होते हुए भी तू नही
तो ये प्यार नही है।
तू शामिल जिंदगी में ,फिर भी अकेले रो दूं
तो ये प्यार नही है।
किस प्यार की तू दुहाई देता है बता।
तेरी वजह से बार बार मेरी आँखें छलक जाएं
तो ये प्यार नही है।
तेरा वक्त अगर फैसला करे,की तू मेरा है या नही
तेरा साथ अगर किश्तों में बंट जाए तो ये प्यार नही है।
मैं ििइंतेज़ार करूँ बस तेरी एक आहट का हर दिन
तू फिर भी न आये तो ये प्यार नही है।
तू मेरा है ये तेरा दावा है
तो गर तेरे होते हुए भी ,अकेले आंसू बहाऊँ
तो ये प्यार नही है।
ये कैसा प्यार अब तू बता।
मैं उलझन में उलझी सी ,खुद को तलाशूं
और तू मस्त परिंदा सा उड़ान भरे,
मैं खोई सी ,परेशान, पल पल मरूं
और तू खुश सा अपनी जिंदगी जिये
तो सुन ,ये कुछ भी हो मगर प्यार नही है।
तू मर मिटा होगा किसी अदा पर मेरी
मैं कुर्बान सी तेरी किसी आदत पे हो गयी
तूने इज़हार किया कि प्यार है ये
और मैं यकीन कर तेरी बातों में खो गयी।
पर सच यही है कि प्यार नही है ये।
तू शायद पाना चाहता होगा मुझे ,
या कोई खाली पन जिंदगी का तुझे सात रहा होगा
मैं खुश थी इसे तेरी मोहब्बत समझ कर
तू इस चमकते चेहरे पर खिंचा चला आरहा होगा
जो भी हो वजह मेरे करीब आने की तेरी
मगर यकीनन ये प्यार नही है।
मैं रोती, तू तड़पता तो शायद
ये प्यार होता
मैं हंसती,तू चहकता
तो शायद ये प्यार होता
आंसू मेरे गिरते और तू फिसलता तो शायद
ये प्यार होता
तू मेरी खुशी की वजह होता तो शायद
ये प्यार होता
अगर ये प्यार होता
तो तू मेरे छलकी आंखों की वजह न होता
ये जो भी था,जो भी है
बस ये प्यार नही है।
प्रीति
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