चलो अब कीमत चुका दो

 मेरे प्यार की,मेरे एतबार की 

चलो अब कीमत चुका दो।

तुम्हारे तेवर बता रहे हैं ,रिश्ता दिलो का तो नही था।

तो चलो अब इस दिमाग के रिश्ते की किश्त चुका दो।

चलो अब कीमत चुका दो।

जब अपनी खुशी भूल कर तेरे गम में रोई मैं।

जब तेरे दर्द में तड़प कर ,रातो को नही सोई मैं।

चलो मेरी नींद मुझे वापस दिला दो।

चलो मेरी रातों की कीमत चुका दो।

बड़ा शौक है तुम्हे ,फैसले मुझ पर छोड़ने का

बड़ा शौक है तुम्हे , वक्त पर हाथ छोड़ने का।

जब हक से मेरा हाथ थामा था उसका क्या।

जब वादों में मुझे बांधा था उसका क्या

चलो अब हर टूटे वादे की कसम दिला दो,

लौट कर आओगे नही ,आखरी यकीन दिला लो।

मेरे हाथ पर तेरे हाथ के जो निशान हैं उन्हें मिटा दो।

मेरे प्यार की कीमत चुका दो।

यूँ छोड़ देने की पुरानी आदत थी या अब जरूरत नही 

कोई पुराना खोया साथी मिल गया ,या अब तन्हाई रही नही

मेरे लम्हो को यु रुलाने का हक तो नही था तुम्हे 

पर चलो अब रुलाया ही है तो जरा ज़ोर से रुला दो।

मेरे हर लम्हे से,मेरे ज़ेहन से खुद को मिटा दो।

मेरे प्यार की कीमत चुका दो।

बड़ा महँगा पड़ा हमे साथ तुम्हारा,

बड़ा महँगा पड़ा वो हाथ तुम्हारा

जो मेरे हाथों में दम तोड़ता था,

जो मुझे ज़ोर से तुम्हारी तरफ खींचता था।

मुझे वो महकता हर पल लौटा दो।

मेरे साथ कि कीमत चुका दो।

सस्ती थी तेरी  वो हर कसम ,

जो तू हर बार झूटी खाता था 

सस्ता था वो हर ख्वाब ,जो तू मुझे दिखाता था।

मेरी नींद,मेरे ख्वाब मुझे लौटा दो।

मेरी जागती रातों की कीमत चुका दो।

तुम वो थे ,या तुम ये हो

जो भी हो अब तो समझ से परे हो।

खुदा बस ज़रा रहम कर आखरी ख्वाहिश समझ कर

उस बेवफा के अब कभी न दीदार हो।

"प्रीति" खत्म हो आज और अभी 

अब हर शख्स से मेरा यकीन उठा दो।

मेरे प्यार की ,मेरे साथ कि ,मेरी सांसो की गर्माहट की

मेरी बाहों के झनझनाहट की,

मेरी खुशबू की,मेरे एहसास की

मेरे हर दिन,हर पल हर रात की

मेरी हर बात की,मुलाकात की

कीमत चुका दो

गरीब हो तुम भी जो पाकर हमे खो दिया 

गरीब है हम भी की तुम्हे सब देकर गवा दिया

चलो रहम किया हालत पर तुम्हारी,

अब बस मेरी ज़िन्दगी की कीमत चुका दो।




प्रीति

टिप्पणियाँ

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kuch reh to nahi gya

हाँ,बदल गयी हूँ मैं...

Kuch rah to nahi gaya

बस यही कमाया मैंने