तुम मेरे पापा जैसे नही हो


हां कद यही था मेरे पापा का ,जैसा तुम्हारा है।
लेकिन तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
वो हंमुख थे,हैं तुम भी हो,
वो बिन कही बाते सुनते थे,पर तुम नही।
क्योंकि तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
जब मैंने तुमको वर चुना।
बस पापा जैसा महसूस किया।
हर लड़की की तरह ,मैने भी ,पति में पिता को मांग लिया।
वो सरल थे ,तुम कठोर हो
वो शांत थे तुम बड़बोल हो।
क्योंकि तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
मैं कुछ भी मांगू पापा से,वो हंस कर के कहते थे।
बस इतना ही ,और शाम तक लाकर देते थे।
हाँ तुम भी' ना' नही कहते
लेकिन भूल जाते हो क्या मैंने तुमसे मांगा है।
याद दिलाऊ तो गुस्सा होते हो
जैसे कोई खजाना मांगा है।
क्योंकि तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
जब गलती मुझसे होती थी,वो गुस्सा कभी न करते थे।
माँ भी गर नाराज हो,उसको भी समझते थे।
ये चिड़िया है इस आंगन की,
जल्दी ही उड़ जायगी,सोते उठते फिर हमको इसकी याद सतायेगी।
मायका है ,गलती करने दो, इसको थोड़ा उड़ने दो।
फिर जोर से वो गले लगाते थे।
अब गलती हो मुझे गलती से भी ,तुम तुरंत आंख दिखाते हो।
कितना भी मैं कर लूं कोशिश,नाराज बहुत हो जाते हो।
यहां माफी कम और सज़ा घनी,
क्योंकि तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
न तुम्हारे कपड़े उनके जैसे है।,
ना बाल उनके जैसे दिखते हैं।
फिर क्यों मैंने तुमको वर चुना,
कह कर कि तुम पापा जैसे लगते हो।
न आवाज उनके जैसी है।
न बोली कि मिठास उनके जैसी है।
फिर क्यों मैने तुमको वर चुना।
कहकर कि तुम उनके जैसे दिखते हो।
वो हंसकर गलती माफ करे
और तुम चिल्ला कर सज़ा सुनाओ।
वो प्यार से मुझको सहलाये
और तुम हर बात पर दुत्कार लगाओ।
पापा मेरा पहला प्यार
और तुम दूजे पुरुष हो
हो कैसे ये समानता,आखिर वो पिता,और तुम पति हो।
"प्रीति" की वो मूरत थे,
तुम अभिमान की मूरत हो।
क्योंकि तुम मेरे पापा जैसे नही हो।
love u papa


टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही प्यारी रचना लिखी है जी आपने

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  2. शुभं भवतु..
    उद्देश्य स्पष्ट..
    आपने अपने आप को जी लिया 🙏🌹🙏🌹

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kuch reh to nahi gya

हाँ,बदल गयी हूँ मैं...

Kuch rah to nahi gaya

बस यही कमाया मैंने