और मैंने सम्मान को चुना था

हाँ मैंने सम्मान को चुना था आज ही नहीं पहले भी कई बार।इस चुनाव के बदले मैंने भारी कीमत भी चुकाई आज ही नहीं पहले भी कई बार।एक संघर्षपूर्ण जीवन और आत्मसम्मान ये पहले से ही मेरे लिए एक पसंदीदा चुनाव रहा है ।मुझे आज भी याद है जब हर sunday पापा जी की छुट्टी हुआ करती थी और रात को हम सब साथ बैठा करते थे तब वो हमसे पूछते थे की हम में से किसे कैसा जीवन पसंद है? तब मेरा जवाब एक ही होता था की मुझे संघर्षपूर्ण जीवन पसंद है मैं जो चाहूँ मुझे कोशिशो के बाद मिले ताकि उसका आनंद दोगुना हो जाये ।और मुझे कुछ मिले न मिले बस इज़्ज़त मिले सम्मान मिले। उस वक्त या तो मैं इन चीज़ों को लेकर नादान थी या फिर वाकई ये मेरी choice थी जो भी था मगर लगता है उस वक्त सरस्वती माता विराजमान थी मेरी जुबान पर मुझे अभी तक हर चीज़ मिली जो मैंने चाही मगर बहुत संघर्ष के बाद ।हाँ आज भी कुछ चीज़ों को लेकर मैं संघर्ष कर रही हूँ infact बहुत संघर्ष कर रही हूँ और मुझे पूरा यकीन है की मेरा ये struggle ख़राब नहीं जायगा मुझे वो भी मिलेगा जिसके लिए struggle कर रही हूँ और जिसकी वजह से कितनी बार मुझे दुःख का दर्द का सामना करना पड़ा है खैर रही बात सम्मान की तो हाँ ये सच है की आज अगर मैं अपनी जिंदगी के कुछ पन्नों को खोल कर देखूं तो अपने सम्मान के लिए मैंने कितने रिश्ते खोये हैं वो रिश्ते जो मेरे जीने की वजह हुआ करते थे ।मुझे याद है कैसे मैंने अपने 5 साल का रिश्ता सिर्फ सम्मान की वजह से बलिदान कर दिया था ।बात कुछ नहीं थी बस सब सम्मान पर आकर रुक गया था एक तरफ मेरे parents की respect एक तरफ मेरी ।।और उसके सामने खड़ा था मेरा 5 साल पुराना रिश्ता और मैंने बिना हिचकिचाहट के अपना और अपने parents का सम्मान चुन लिया था ।ऐसा ही कुछ हुआ था 2007 में जब मैंने अपनी पहली जॉब ज्वाइन की थी जॉलीग्रांट एअरपोर्ट पर kingfisher airlines में ।सब ठीक चल रहा था आखिर सबकी उम्मीदों को पूरा करते हुए मैं इस मुकाम पर खड़ी थी घर वालो को भी गर्व हो रहा था अपने फैसले पर की उन्होंने एक छोटे से गांव से मुझे बहार निकाल कर कोई गलती नहीं की ।बहुत संघर्ष कर रही थी मैं यहाँ  भी एक अच्छे जीवन यापन के लिए मगर खुश थी क्योंकि मैं अपना काम enjoy कर रही थी ।मगर मुझे नहीं पता था की यह भी मुझे मेरे सम्मान और मेरे इस career में से एक को चुनना होगा ।बात बस इतनी सी थी की airlines की life की जो demand थी मैं उसे accept नहीं करना चाहती थी और यही बात मेरे airport manager को पसंद नहीं आई थी उन्होंने कुछ इस कहा जो मेरे selfrespect को hurt कर गया उस दिन मेरे सामने दो रास्ते थे की या तो मैं अपना ये career छोड़ दूं या फिर भूल जाऊ की किसी में मेरे आत्मसम्मान पर ऊँगली उठाई है।
मैंने बहुत गर्व के साथ एक बार फिर अपनी respect को अहमियत दी थी और हमेशा के लिए छोड़ दी थी kingfisher।मुझे न तब अपने फैसले पर अफ़सोस था न आज ।
आज फिर past repeat हुआ आज फिर मैंने अपने आत्मसम्मान के बदले अपना एक अहम् रिश्ता खो दिया वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त था ।बात यह भी respect पर आकर रुक गयी थी या तो मैं वो सब भूल जाऊ जो उसने किया और कहा या फिर उसे ।मैं अब कैसे पीछे है सकती थी और दिल पर पत्थर रख कर आज फिर मैंने अपने आत्मसम्मान की खातिर अपना 2 साल पुराना वो खास रिश्ता पिछे छोड़ दिया था ।।।आज भी मुझे कोई अफ़सोस नहीं था हाँ ये सच है इस रिश्ते को बचाने के लिए मैंने समझोता करने की गलत कोशिश की थी मगर दिल ने गवाही नहीं दी लगा अगर वो रेस्पेक्ट नहीं दे सकता तो और क्या उम्मीद ।जब प्यार और सम्मान में से सम्मान चुना तो दोस्ती और सम्मान में से दोस्ती क्यों? और इसतरह हमारे रास्ते अलग हो गए।दुःख है मगर अफ़सोस नहीं ।मगर यकीन है मुझे की मुझे एक दिन अपने इस फैसले पर दुःख भी नहीं होगा ।बल्कि गर्व होगा की किसी भी हालात के सामने मैं झुकी नहीं और अपनी शर्तों को मैंने बरक़रार रखा ।
बस यही कहना चाहूंगी उन लोगो से जो ये समझते हैं की हम हर insult बर्दास्त करके उन्हें मौका देते रहेंगे की ऐसा नहीं है हमे प्यार नहीं सम्मान चाहिए  बस सम्मान ।
प्रीति राजपूत शर्मा
07 जुलाई 2016

टिप्पणियाँ

  1. Dear frnd,
    “Self-respect is the root of discipline: The sense of dignity grows
    with the ability to say no to oneself”
    You think because he doesn't love you that you are worthless. You think that because he doesn't want you anymore that he is right -- that his judgement and opinion of you are correct. If he throws you out, then you are garbage. You think he belongs to you because you want to belong to him. Don't. It's a bad word, 'belong.' Especially when you put it with somebody you love. Love shouldn't be like that. Did you ever see the way the clouds love a mountain? They circle all around it; sometimes you can't even see the mountain for the clouds. But you know what? You go up top and what do you see? His head. The clouds never cover the head. His head pokes through, beacuse the clouds let him; they don't wrap him up. They let him keep his head up high, free, with nothing to hide him or bind him. You can't own a human being. You can't lose what you don't own. Suppose you did own him. Could you really love somebody who was absolutely nobody without you? You really want somebody like that? Somebody who falls apart when you walk out the door? You don't, do you? And neither does he. You're turning over your whole life to him. Your whole life, girl. And if it means so little to you that you can just give it away, hand it to him, then why should it mean any more to him? He can't value you more than you value yourself...

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